लखुडियार का अर्थ है ‘एक लाख गुफाएं’।
लखुडियार, एक चट्टान पर निर्मित लघु गुफा आश्रय स्थल है, जोकि जलवायु से बचाने के लिए प्रारंभिक मनुष्य ने अपने बचाव स्थल के रूप में चयनित किया था। यह गुफा समूह बाड़ीछीना नामक ग्राम में स्थित है। यह गांव अल्मोड़ा शहर से लगभग 19 किलोमीटर दूर है। इस गुफा समूह की दीवारें ऐतिहासिक महत्व रखते हुए मनुष्य के जीवन और परिवेश को दर्शाती हैं। इसके भीतर निर्मित चित्रों में जन-समुदाय, जानवरों और शुरुआती आदमी द्वारा इस्तेमाल किए गए हथियारों के चित्र हैं। दीवार के एक तरफ उन लोगों की कलाकृतियां हैं, जिन्हें समूह में सामूहिक नृत्य करते हुए दिखाया गया है। इन चित्रों में कपड़े और पालतू जानवरों को भी दर्शाया गया है। दो चित्रित शैलाश्रय काले, लाल और सफेद रंग में उँगलियों से खींचे गए जानवरों और मनुष्यों के चित्रों को प्रकट करते हैं।
अस्तित्वम् फाउंडेशन इन गुफा चित्रों के अनवरत अध्ययन का प्रयास कर रही है ताकि सांस्कृतिक महत्व रखने वाली इस ऐतिहासिक लखुडियार गुफा का संरक्षण किया जा सके। इसके अतिरिक्त, संस्था द्वारा बागेश्वर स्थित गौरीउडियार गुफा के संरक्षण हेतु भी कार्य किया जा रहा है।
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